Kolkata, जिसे ‘सिटी ऑफ जॉय’ के नाम से जाना जाता है, इन दिनों एक गंभीर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। शहर में स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आसपास 7 दिनों के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही, इस मुद्दे से जुड़ा एक और बड़ा मामला सामने आया है, जहां अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से सीबीआई ने 13 घंटे तक लंबी पूछताछ की है।
Kolkata में धारा 144 का लागू होना
धारा 144, भारतीय दंड संहिता की एक महत्वपूर्ण धारा है, जो किसी इलाके में एकत्रित होने वाली भीड़ को रोकने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई जाती है। Kolkata के आरजी कर अस्पताल के आसपास इस धारा को लागू किया गया है। इसके चलते यहां किसी भी प्रकार के समूह में जमा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम प्रशासन द्वारा किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने और अस्पताल परिसर के भीतर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
धारा 144 के तहत अगले 7 दिनों तक अस्पताल के आसपास भीड़ एकत्रित होने पर रोक रहेगी। किसी भी प्रकार का धरना, प्रदर्शन या सार्वजनिक आयोजन निषिद्ध रहेगा। Kolkata में इस कदम को उठाने का कारण हाल ही में अस्पताल में हुए विवादित घटनाओं से जुड़ा है, जिससे अस्पताल परिसर और इसके आसपास के इलाकों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
Kolkata के आरजी कर अस्पताल का विवाद
Kolkata के प्रतिष्ठित आरजी कर अस्पताल का यह मामला तब चर्चा में आया जब अस्पताल में हुई कुछ अनियमितताओं के चलते अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ जांच शुरू की गई। संदीप घोष पर कई आरोप लगे हैं, जिसमें अस्पताल में भर्ती और नियुक्तियों में गड़बड़ी, वित्तीय अनियमितताएं और अस्पताल के संचालन में खामियां शामिल हैं।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) को जांच सौंपी गई है। सीबीआई ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए संदीप घोष से 13 घंटे तक लंबी पूछताछ की। यह पूछताछ कोलकाता में स्थित सीबीआई कार्यालय में हुई।
Kolkata में सीबीआई की पूछताछ
Kolkata में सीबीआई की पूछताछ के दौरान कई अहम सवाल उठाए गए। सीबीआई अधिकारियों ने संदीप घोष से उनके कार्यकाल के दौरान हुए निर्णयों, अस्पताल की वित्तीय स्थिति, और अस्पताल में भर्ती प्रक्रियाओं से संबंधित जानकारी मांगी। यह पूछताछ पूरी तरह से गोपनीय रखी गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, सीबीआई को इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।
सीबीआई का मानना है कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए घोटालों में कई उच्च पदस्थ अधिकारियों की भी भूमिका हो सकती है। इसलिए, पूछताछ का दायरा और भी बढ़ाया जा सकता है और अन्य संदिग्ध अधिकारियों को भी जल्द ही बुलाया जा सकता है।
Kolkata में सुरक्षा के इंतजाम
Kolkata में इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। विशेषकर आरजी कर अस्पताल के आसपास धारा 144 लागू होने के कारण पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। पुलिस प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तैयारी की है।
इसके अलावा, अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। Kolkata प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन ने मिलकर सुनिश्चित किया है कि अस्पताल का सामान्य संचालन बिना किसी बाधा के चलता रहे।
Kolkata में प्रतिक्रिया
Kolkata के लोग इस मामले पर गहरी नज़र बनाए हुए हैं। आरजी कर अस्पताल, जो Kolkata का एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है, वहां हुई घटनाओं ने शहर में चिंता और चर्चा का माहौल बना दिया है। लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिरकार सीबीआई की जांच में क्या नतीजे सामने आएंगे और संदीप घोष के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सच्चाई क्या है।
निष्कर्ष
Kolkata में आरजी कर अस्पताल के आसपास धारा 144 का लागू होना और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से सीबीआई की लंबी पूछताछ इस समय शहर के सबसे बड़े मुद्दों में से एक है। प्रशासन और सीबीआई की कार्यवाही से यह साफ हो गया है कि कोलकाता में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और घोटालों की जड़ों तक पहुंचने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में Kolkata के इस मामले में और भी नए खुलासे हो सकते हैं, जो शहर की राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों को प्रभावित कर सकते हैं।
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