दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर से बड़ा भूचाल आया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री CM Kejriwal पर केस चलाने के लिए CBI को हरी झंडी मिल गई है। यह मामला दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी से जुड़ा है, जिसमें भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस केस में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक दुर्गेश पाठक का नाम भी घसीटा गया है, जिससे पार्टी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
एक्साइज पॉलिसी मामला क्या है?
दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लेकर विवाद उस समय शुरू हुआ जब शराब की बिक्री और लाइसेंसिंग में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं। आरोप है कि इस पॉलिसी के जरिए कुछ खास शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। CM Kejriwal पर आरोप है कि उन्होंने इस नीति में भ्रष्टाचार की अनदेखी की या उसमें भागीदार रहे।
CBI की जांच और CM Kejriwal पर शिकंजा
CBI ने दिल्ली की शराब नीति में हुए कथित घोटाले की जांच शुरू की और कई दस्तावेजी सबूतों के आधार पर अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाया। अब CBI को केंद्र सरकार से CM Kejriwal पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। इस खबर के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है।
CBI का कहना है कि CM Kejriwal की जानकारी में भ्रष्टाचार हुआ और उनके निर्देशों के अनुसार ही कई बड़े फैसले लिए गए। हालांकि, CM Kejriwal ने इन सभी आरोपों को झूठा और राजनीति से प्रेरित बताया है।

दुर्गेश पाठक भी फंसे
दिल्ली के विधायक और आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता दुर्गेश पाठक का नाम भी इस घोटाले में शामिल हो गया है। दुर्गेश पाठक पर आरोप है कि वह इस नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में शामिल थे। CBI के अनुसार, पाठक ने इस नीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों में अहम भूमिका निभाई थी। अब उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इस मामले में पाठक का नाम आने से AAP के लिए संकट और गहरा गया है, क्योंकि दुर्गेश पाठक पार्टी के महत्वपूर्ण रणनीतिकारों में से एक माने जाते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
जैसे ही CBI को CM Kejriwal पर केस चलाने की मंजूरी मिली, विपक्षी पार्टियों ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया। भाजपा ने कहा कि CM Kejriwal का “ईमानदारी” का नारा अब पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है और दिल्ली की जनता को उनकी असलियत समझ में आ गई है। भाजपा नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार के इस मामले में CM Kejriwal का हाथ होना दिल्ली के राजनीतिक इतिहास का काला पन्ना है।
वहीं कांग्रेस ने भी CM Kejriwal पर हमला बोलते हुए कहा कि यह मामला भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है और दिल्ली सरकार ने जनता के विश्वास का ग़लत फायदा उठाया। कांग्रेस ने कहा कि अब समय आ गया है कि CM Kejriwal को इस्तीफा देकर नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
CM Kejriwal का जवाब
इन तमाम आरोपों के बीच CM Kejriwal ने अब तक कोई सीधा बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के नेताओं ने इसे भाजपा की साजिश बताया है। AAP ने कहा है कि केंद्र सरकार और भाजपा, CBI और ED का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि CM Kejriwal की लोकप्रियता को खत्म किया जा सके।
पार्टी का दावा है कि यह सब राजनीति से प्रेरित है और CM Kejriwal को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। AAP के नेताओं ने जनता से अपील की है कि वे इन झूठे आरोपों पर विश्वास न करें और पार्टी के साथ खड़े रहें।
आगे की राह
अब इस मामले में अगला कदम अदालत का होगा। CBI को CM Kejriwal पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने के बाद कानूनी प्रक्रिया शुरू होगी। अदालत में यह साबित करना होगा कि आरोप सही हैं या नहीं।
वहीं, दुर्गेश पाठक का नाम सामने आने के बाद AAP के अंदर भी बेचैनी है, क्योंकि वह पार्टी के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक हैं और उनका फंसना पार्टी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
CM Kejriwal और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। CBI को केस चलाने की मंजूरी मिलना और दुर्गेश पाठक का नाम घोटाले में आना पार्टी की साख पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। विपक्षी पार्टियां इस मौके को छोड़ने के मूड में नहीं हैं और आने वाले दिनों में राजनीतिक हमले और तेज हो सकते हैं।
अब देखना होगा कि अदालत का फैसला क्या आता है और क्या CM Kejriwal इस संकट से खुद को और अपनी पार्टी को उबार पाते हैं या नहीं।
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