तिरुपति मंदिर दर्शन से पहले Deputy CM Pawan Kalyan की बेटी ने किया डिक्लेरेशन साइन: धार्मिक आस्था और विवाद का मेल
तिरुपति बालाजी मंदिर का दर्शन करना हर भक्त के लिए एक बेहद पवित्र अनुभव होता है। लेकिन जब धार्मिक आस्था में राजनीतिक विवाद की आंधी आ जाए, तो यह घटनाक्रम और भी अधिक चर्चित हो जाता है। आंध्र प्रदेश के डिप्टी मुख्यमंत्री पवन कल्याण अपनी बेटी पोलिना अंजनी कोनिडेला के साथ तिरुपति मंदिर के दर्शन करने पहुंचे। मंदिर की परंपरा के अनुसार, पोलिना ने भगवान वेंकटेश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को व्यक्त करने के लिए डिक्लेरेशन फॉर्म साइन किया।Deputy CM Pawan Kalyan
पोलिना अंजनी का डिक्लेरेशन साइन करना क्यों था खास? (Deputy CM Pawan Kalyan )
तिरुपति मंदिर में एक खास परंपरा है कि गैर-हिंदू या विदेशियों को मंदिर में प्रवेश से पहले डिक्लेरेशन साइन करना होता है, जिसमें वे भगवान और मंदिर की परंपराओं का सम्मान करने की बात कहते हैं। पोलिना, पवन कल्याण की बेटी हैं और एक ओवरसी नागरिक हैं। इस वजह से उन्होंने तिरुपति मंदिर के नियमों के अनुसार डिक्लेरेशन साइन किया। चूंकि वह नाबालिग हैं, उनके पिता पवन कल्याण ने भी इस दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए।
Hon’ble Deputy Chief Minister, Sri @PawanKalyan‘s younger daughter, Polena Anjani Konidela, has given a declaration for darshan of Tirumala Sri Venkateswara Swamy. She signed the declaration forms given by TTD (Tirumala Tirupati Devasthanams) officials. Since Polena Anjani is a… pic.twitter.com/FLOQv8CpHB
— JanaSena Party (@JanaSenaParty) October 2, 2024
जन सेना पार्टी ने इस खास मौके की तस्वीरें साझा करते हुए बताया कि पवन कल्याण और उनकी बेटी दोनों ने मंदिर के नियमों का पालन करते हुए इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया को पूरा किया।
तिरुपति लड्डू विवाद का असर (Deputy CM Pawan Kalyan )
यह घटना तब सामने आई जब तिरुपति के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। पवन कल्याण ने वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान लड्डू की तैयारी में पशु वसा के उपयोग का मुद्दा उठाया। यह आरोप आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाया गया था, और इसके बाद पवन कल्याण ने भी इसे गंभीरता से लिया। हालांकि, वाईएसआरसीपी के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया।
पवन कल्याण ने इस विवाद के बाद सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “तिरुमाला लड्डू को पवित्र माना जाता है, लेकिन जब मुझे इसके अशुद्ध होने का पता चला, तो मैं सदमे में था। यह हिंदू धर्म पर एक धब्बा है, जिसे मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता।”
पवन कल्याण की 11 दिवसीय तपस्या
इस विवाद के चलते Deputy CM Pawan Kalyan ने अपने दिल की शांति और आस्था को मजबूत करने के लिए 11 दिवसीय तपस्या शुरू की है। इस तपस्या के हिस्से के रूप में वह तिरुपति मंदिर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि यह तपस्या उनके प्रायश्चित का हिस्सा है, ताकि वह धार्मिक समुदाय को हुए नुकसान की भरपाई कर सकें।
पवन कल्याण ने इस दौरान अपने अनुयायियों से यह भी कहा कि सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति को इस प्रकार की घटनाओं के प्रति सतर्क रहना चाहिए और अगर कहीं धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है, तो उसका प्रायश्चित करना चाहिए।
पवित्रता और आस्था का सम्मान
इस पूरी घटना से यह स्पष्ट होता है कि चाहे राजनीतिक विवाद कितना ही बड़ा क्यों न हो, धार्मिक आस्था का सम्मान और उसकी पवित्रता को बनाए रखना हर भक्त की जिम्मेदारी है। पवन कल्याण की बेटी पोलिना अंजनी का मंदिर में डिक्लेरेशन साइन करना एक छोटा सा कदम था, लेकिन इसने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि किसी भी धर्म की परंपराओं का पालन और उसका आदर करना जरूरी है, चाहे आपकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
निष्कर्ष
तिरुपति लड्डू विवाद और पवन कल्याण की तपस्या ने न केवल धार्मिक आस्था पर ध्यान केंद्रित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे एक भक्त अपने विश्वास और धर्म के प्रति समर्पित हो सकता है, भले ही उसके सामने कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों। पोलिना अंजनी का डिक्लेरेशन साइन करना इस बात का प्रतीक है कि धार्मिक आस्था का सम्मान और परंपराओं का पालन हर भक्त का कर्तव्य है, जो उन्हें आंतरिक शांति और ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति की ओर ले जाता है। (Deputy CM Pawan Kalyan)