Indian Railway: वंदे भारत एक्सप्रेस में होंगे 24 कोच, जानिए रेलवे क्यों ले रहा है यह अहम फैसला
Indian Railway: केंद्र सरकार ने वंदे भारत ट्रेन में बड़े बदलाव की योजना बनाई है, जिसमें यात्रियों की सुविधा और आराम को बढ़ाने के लिए 24 डिब्बे वाली ट्रेन तैयार की जाएगी। यह बदलाव वंदे भारत को प्रीमियम ट्रेनों में सबसे लंबी ट्रेन बना देगी, जो वर्तमान में राजधानी एक्सप्रेस के नाम से जानी जाती है, जिसमें अधिकतम 22 कोच होते हैं। इस बदलाव से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं, अधिक जगह और अधिक आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए किया जा रहा है, जिससे उनकी यात्रा और भी सुखद और यादगार हो सके।
हाल ही में, वंदे भारत ट्रेनों के कोच बनाने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये के टेंडर को रद्द कर दिया गया था, क्योंकि टेंडर लेने वाली कंपनी ने अधिक पैसे की मांग की थी, जिसे Indian Railway ने अपने निर्धारित मानकों से अधिक नहीं माना। इसके परिणामस्वरूप, टेंडर रद्द करना पड़ा, जिससे परियोजना में देरी हुई। अब, रेलवे ने फिर से टेंडर जारी किया है, जिसमें व्यापक बदलाव किए गए हैं ताकि इस बार इसे रद्द नहीं करना पड़े और टेंडर प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो सके। रेलवे ने नए टेंडर में लचीलापन और स्पष्टता बढ़ाई है ताकि कंपनियां आसानी से इसमें भाग ले सकें और परियोजना को समय पर पूरा किया जा सके।
Indian Railway वंदे भारत ट्रेन में बदलाव और नए टेंडर की जानकारी
पहले के टेंडर में, रेलवे ने 200 स्लीपर वर्जन की वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का ऑर्डर दिया था, जिसमें प्रत्येक ट्रेन में 16 कोच शामिल थे। इसके अलावा, कंपनी को इन ट्रेनों का अगले 35 साल तक रखरखाव भी करना था, जिसमें मरम्मत, निरीक्षण और अन्य रखरखाव कार्य शामिल थे। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत, एल-1 बोलीदाता को लातूर में मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में 120 ट्रेन सेट का उत्पादन करना था, जबकि एल-2 बोलीदाता चेन्नई में ICF में 80 ट्रेन सेट के लिए जिम्मेदार था।
हालांकि, रेल मंत्रालय द्वारा वर्क ऑफ स्कोप में किए गए हालिया बदलावों के अनुसार, अब 24 कोचों वाले 80 ट्रेन सेटों के उत्पादन की आवश्यकता है, जो पहले के टेंडर से अलग है और अधिक यात्री क्षमता वाली ट्रेनों की मांग को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।नए टेंडर के अनुसार, प्रत्येक ट्रेन सेट की अनुमानित लागत 120 करोड़ रुपये होगी, जो कि एक महत्वपूर्ण निवेश है जो भारतीय रेलवे की आधुनिकीकरण और सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Maharashtra के लातूर में स्थित फैक्ट्री को यह टेंडर इस साल नवंबर तक हैंडओवर कर दिया जाएगा, जो कि परियोजना की समयबद्धता को दर्शाता है। इस परियोजना को रेल विकास निगम लिमिटेड और रूस का कंसोर्टियम पूरा करेगा, जो कि एक महत्वपूर्ण साझेदारी है जो तकनीकी ज्ञान और संसाधनों के आदान-प्रदान को दर्शाती है। पहला प्रोटोटाइप सितंबर 2025 तक पेश किया जाएगा, जो कि परियोजना की प्रगति को दर्शाता है। इस परियोजना में 4 कंपनियां शामिल हैं:-
1. किनेट रेलवे सॉल्यूशंस,
2. जेवी-इंडिया रेल विकास निगम लिमिटेड,
3. रसियन इंजीनियरिंग कंपनी मेट्रोवॉगोन्मेश और
4. लोकोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम,
जो कि एक मजबूत और अनुभवी टीम है जो परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करेगी।
Indian Railway की आधुनिकीकरण योजनाएं
इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत, 12 वंदे भारत ट्रेनों का पहला बैच प्रोटोटाइप के आगमन के एक साल के भीतर पूरा किया जाना है, जिसका अर्थ है कि सितंबर 2025 में प्रोटोटाइप के आगमन के बाद, पहला बैच सितंबर 2026 तक तैयार हो जाएगा, जो कि एक महत्वपूर्ण समयसीमा है। इसके बाद, दूसरे साल में 18 ट्रेनों का एक और बैच तैयार किया जाएगा, और उसके बाद हर साल 25 ट्रेनें उतारी जाएंगी, जो कि एक तेजी से विस्तार को दर्शाता है। इन ट्रेनों के रखरखाव के लिए जोधपुर, दिल्ली और बैंगलोर में विशेष सुविधाएं विकसित की जाएंगी, जो कि ट्रेनों की देखभाल और मरम्मत के लिए आवश्यक होंगी और सुनिश्चित करेंगी कि ट्रेनें सुरक्षित और कुशलता से चलें।
निष्कर्ष
Indian Railways: हाल ही में, वंदे भारत ट्रेनों के कोच बनाने के लिए 35 हजार करोड़ रुपये के टेंडर को रद्द कर दिया गया था, क्योंकि टेंडर लेने वाली कंपनी ने अतिरिक्त धन की मांग की थी, जिसे रेलवे ने अपने निर्धारित मानकों से अधिक नहीं माना। इसके परिणामस्वरूप, टेंडर रद्द करना पड़ा। अब, रेलवे ने एक नए टेंडर को तैयार किया है, जो कि वंदे भारत ट्रेनों के कोच बनाने के लिए एक नई प्रक्रिया शुरू करेगा।(Indian Railway)