J&K Election: बेरोजगारी की पीड़ा, रोजगार के लिए 50 किमी का सफर
J&K Election : युवाओं ने आरोप लगाया है कि पिछली सरकारों ने रोजगार के अवसर प्रदान करने में विफल रही हैं, जिसके कारण बेरोजगारी विधानसभा चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। युवाओं का कहना है कि वे इस बार अपने मतों का इस्तेमाल करके ऐसे उम्मीदवारों को चुनना चाहते हैं जो रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे।
“पिछली सरकारों ने हमें रोजगार के अवसर नहीं दिए, इसलिए हम इस बार ऐसे उम्मीदवारों को चुनना चाहते हैं जो हमें रोजगार देंगे,” एक युवा ने कहा।
“बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और हम इसे हल करने के लिए अपने मतों का इस्तेमाल करेंगे,” एक अन्य युवा ने कहा।
इस बार के J&K Election में युवा मतदाता रोजगार के अवसरों को लेकर काफी जागरूक हैं और वे अपने मतों का इस्तेमाल करके ऐसे उम्मीदवारों को चुनना चाहते हैं जो उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
बेरोजगारी का दर्द
J&K Election की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के नेता मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। लेकिन Jammu Kashmir के युवाओं के लिए बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर वे इस चुनाव में अपने मतों का इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी
Jammu & Kashmir के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर काफी अधिक है। युवाओं को रोजगार के लिए 50 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है। इस मुद्दे को लेकर युवाओं में काफी आक्रोश है और वे इसे लेकर अपने मतों का इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं।
युवाओं की पीड़ा
“मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन मुझे रोजगार नहीं मिला। मुझे रोजगार के लिए 50 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। यह बहुत मुश्किल है,” Jammu Kashmir के एक युवा ने कहा।
“बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है। हमें रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं। हमारे लिए यह एक बड़ी समस्या है,” एक अन्य युवा ने कहा।
राजनीतिक दलों के वादे
इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों के नेता भी अपने वादे कर रहे हैं। कुछ दलों ने वादा किया है कि वे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे, जबकि अन्य दलों ने कहा है कि वे बेरोजगारी को कम करने के लिए काम करेंगे।
“हम युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। हम बेरोजगारी को कम करने के लिए काम करेंगे,” एक राजनीतिक दल के नेता ने कहा।
“हम युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। हम उनके लिए काम करेंगे,” एक अन्य राजनीतिक दल के नेता ने कहा।
J&K Election के परिणाम
अब देखना यह है कि युवा मतदाता इस मुद्दे को लेकर कैसे अपने मतों का इस्तेमाल करते हैं। क्या वे बेरोजगारी को कम करने के लिए काम करने वाले दलों को चुनेंगे या फिर अन्य मुद्दों पर अपने मतों का इस्तेमाल करेंगे। यह तो चुनाव के परिणामों से ही पता चलेगा।
रोजगार के अवसरों की कमी
युवाओं का कहना है कि Jammu Kashmir में रोजगार के अवसरों की कमी है, जिसके कारण वे बेरोजगार हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि पिछली सरकारों ने रोजगार के अवसर प्रदान करने में विफल रही हैं।
“हमारे पास रोजगार के अवसर नहीं हैं, इसलिए हम बेरोजगार हैं,” एक युवा ने कहा।
“सरकारें रोजगार के अवसर प्रदान करने में विफल रही हैं, इसलिए हमें अपने मतों का इस्तेमाल करके ऐसे उम्मीदवारों को चुनना होगा जो हमें रोजगार देंगे,” एक अन्य युवा ने कहा।
J&K Election में रोजगार का मुद्दा
इस बार के J&K Election में रोजगार का मुद्दा एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। युवा मतदाता रोजगार के अवसरों को लेकर काफी जागरूक हैं और वे अपने मतों का इस्तेमाल करके ऐसे उम्मीदवारों को चुनना चाहते हैं जो उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
“रोजगार का मुद्दा इस बार के चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा है और हम अपने मतों का इस्तेमाल करके ऐसे उम्मीदवारों को चुनना चाहते हैं जो हमें रोजगार देंगे,” एक युवा ने कहा।
“हमें उम्मीद है कि इस बार के चुनाव में रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले उम्मीदवार जीतेंगे,” एक अन्य युवा ने कहा।
निष्कर्ष
युवाओं का आरोप: सरकारें रोजगार के अवसर नहीं दे पाईं, बेरोजगारी बना J&K Election का मुख्य मुद्दा
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि Jammu Kashmir के युवाओं के लिए बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर वे इस J&K Election में अपने मतों का इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं।
युवाओं का आरोप है कि पिछली सरकारें रोजगार के अवसर प्रदान करने में विफल रही हैं, जिसके कारण वे बेरोजगार हैं। इस बार के चुनाव में रोजगार का मुद्दा एक प्रमुख मुद्दा बन गया है और युवा मतदाता ऐसे उम्मीदवारों को चुनना चाहते हैं जो उन्हें रोजगार देंगे।
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